ओशो महात्मा गांधी से सिर्फ एक बार मिले थे जब वे सिर्फ 10 साल के थे । क्यूंकि गांधीजी जिस ट्रेन से आनेवाले थे वो ट्रेन 13 घंटे लेट आने वाली थी और सारे लोग वहासे जा चुके थे लेकिन ओशो वहाँ रुके थे । तो यही Dedication हम और आप मै चाहिये जो करना है वो करना है । एक लक्ष्य होना चाहिये, जो कैसा भी लक्ष्य हो , वो लक्ष्य उन्होंने हमेशा हासिल किया जो उन्होंने चाहा ।