जया जी ने ९ साल की उम्र में संस्कृत में लिंगाष्ठ्कम, शिव तांडव स्त्रोतम, रामाष्ठ्कम आदि कई स्त्रोतों को गाना शुरू किया और आज भी उनकी मधुर वाणी सुनने को मिल रही है ।
जया जी ने ९ साल की उम्र में संस्कृत में लिंगाष्ठ्कम, शिव तांडव स्त्रोतम, रामाष्ठ्कम आदि कई स्त्रोतों को गाना शुरू किया और आज भी उनकी मधुर वाणी सुनने को मिल रही है ।