आनंद कुमार की जीवनी । Anand Kumar of Super 30 wiki, Biography in Hindi
हर वो बच्चा जो इंजीनियरिंग करना चाहता है उसका एक सपना होता है IIT मै एडमिशन करना । पर IIT की entrance exam इतनी कठिन होती है की आज कल उसके लिए अलग से कोचिंग इंस्टिट्यूट बन गये है और इस कोचिंग की फी इतनी ज्यादा होती है की गरीब बच्चे इस कोचिंग क्लास मै एडमिशन नहीं कर पाते । ऐसे ही बच्चों के लिए एक मसीहा बनकर आये आनंद कुमार ( Anand Kumar Super 30 ) । आनंद कुमार सुपर 30 नाम से अपनी ही कोचिंग चलाते है । आनंद कुमार जी के ऊपर एक बायोपिक भी आ रही है जिसमे आनंद का किरदार हृतिक रोशन ( Hrithik Roshan biopic on anand super 30 ) निभा रहे है । तो चलिए आज हम आनंद कुमार जी की जीवनी जानते है ।
Anand Kumar wiki । Biography :
आनंद कुमार का जन्म 1 जनवरी 1973 ( Anand Kumar birthdate ) को बिहार की राजधानी पटना मै हुआ था । उनके पिता पोस्ट डिपार्टमेंट मै क्लर्क थे । उनकी फॅमिली की फाइनेंसियल कंडीशन बहोत ख़राब थी इसी वजह से आनंद के पिता उनकी एडमिशन प्राइवेट स्कूल मै नहीं कर सकते थे । इस वजह से आनंद को गवरमेंट स्कूल मै पढ़ना पड़ा । पर इसी स्कूल मै आनंद का mathematics मै इंटरेस्ट बढ़ गया था । अपनी ग्रेजुएशन के टाइम ‘Number and Theory’ पर कुछ ऐसे नोटस बनाये की उन्हें The mathematical gadget और mathematical spectrum जैसी बड़ी किताबो मै पब्लिश किया गया । इसके बाद आनंद ने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी मै अपना एडमिशन secure कर लिया था पर उनकी फाइनेंसियल कंडीशन की वजह से वो वहाँ जा ना सके और इसी दौरान एक दुर्घटना घटी और उनके पिता की मौत हो गयी । अब अपने परिवार की जिम्मेदारी आनंद पर आ चुकी थी पर आनंद ने अपना हौसला बनाया रखा और अपनी mathematics की पढाई जारी रखी । आनंद रातमे अपनी माँ के साथ पापड़ बेचते थे जिससे उनके परिवार का पेट पलता था ।
और कुछ प्रेरणादायी विचार :
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- ब्रायन ट्रेसी के 25 अनमोल विचार । Brian Tracy motivational quotes about life in Hindi
कुछ एक्स्ट्रा पैसे कमाने के लिये आनंद ने बच्चों को math की कोचिंग दिलाना शुरू कर दिया था । आनंद को किताबे पढ़ने का बहुत शौक था पर पटना यूनिवर्सिटी मै विदेशी किताबे न होने की वजह से आनंद को हर हफ्ते बनारस जाना पड़ता था । बनारस मै उनके छोटे भाई violin सिख रहे थे । वो उनके साथ उनके होस्टेल रूम मै रुक जाते थे । शनिवार और रविवार को BHU, के सेंट्रल लाइब्रेरी मै विदेशी author के किताब पढ़ते थे । इसके बाद 1992 मै आनंद जी ने एक कमरा किराये पर लिया और उसमे रामानुजन स्कूल ऑफ़ मैथमेटिक्स नाम से अपना इंस्टिट्यूट खोल दिया । वहाँपर वो बच्चों को mathematics की कोचिंग देते थे । एक साल की अंदर उनके पास 36 बच्चे हो गये थे । इसी तरह देखते ही देखते आनंद की कोचिंग मै बच्चे बढ़ते ही गये और 3 साल मै उनके इंस्टिट्यूट मै 500 बच्चे हो गये । इसी तरह आनंद की ज़िन्दगी मै सब नार्मल हो चूका था ।
पर तभी साल 2000 मै आनंद के पास एक बच्चा आया जो की अपनी गरीबी की वजह से IIT entrance exam की तयारी नहीं कर सकता था । इस बच्चे से आनंद को Super 30 खोलने का मोटिवेशन मिला । और इसी Super 30 ने आनंद को पुरे दुनिया मै फेमस कर दिया । तो चलिये इसी Super 30 इंस्टिट्यूट के बारे मै जानते है ।
Super30 एक ऐसा कोचिंग क्लास है जो गरीब बच्चो को फ्री मै IIT की entrance exam की तयारी करवाती है । ये कोचिंग क्लास हर साल मई मै एक competative exam organise करवाती है और उसमेसे 30 सबसे टैलेंटेड बच्चों को सिलेक्ट किया ज्याता है और उन बच्चों को फ्री मै IIT की कोचिंग दी जाती है । इन बच्चों के लिए माँ जयंती देवी ( Anand Kumar Mother ) खाना पकाती है और आनंद पढाई लिखाई से जुड़े दुसरे काम देखते है । सिलेक्ट हुये बच्चों को एक साल फ्री मै होस्टेल मै रहने की सुविधा उपलब्ध करवाते है । आनंद के भाई प्रणव ( Anand Kumar Brother ) इस कोचिंग के मैनेजमेंट को देखते है । 2003 से लेकर 2017 तक आनंद ने पढाये हुये 450 बच्चों मै से 351 बच्चों का सिलेक्शन IIT मै हुआ ।
इसके अलावा 2017 मै पढाया हुये 30 बच्चों का सिलेक्शन IIT मै हुआ । आनंद कुमार के पास Super 30 के लिये किसी गवरमेंट और प्राइवेट एजेंसी का फाइनेंसियल सपोर्ट नहीं है । हलाकि उनकी कोचिंग फेमस होने लगी तो उनके पास कुछ स्पोंसर भी आये पर वो एक एक करके सबको मना करने लगे । उनका कहना है की उनके अकेले दम पर इस कोचिंग को बहुत आगे ले जाना चाहते है । इसी वजह से रामानुजन इंस्टिट्यूट और उनकी श्याम की पटना मै क्लासेस उनसे जितने भी पैसे मिलते है वो उसे Super 30 के फण्ड इस्तेमाल करते है । आनंद की कामयाबी किसी कोचिंग माफिया से देखी नहीं गई इसीलिए उनके ऊपर एक जानलेवा हमला भी हुआ था । पर वो कहते है ना की जिसके साथ भगवान है उसका कोई बाल भी बाका नहीं कर सकता । आनंद बच गये और इस नेक काम मै दुबारा से जुट गये ।
Anand Kumar Awards :
2010 मै आनंद कुमार के Super 30 को टाइम मैगज़ीन ने एशिया के बेस्ट इंस्टिट्यूट मै शामिल किया था । आनंद का नाम Super 30 जैसे नेक काम के लिये “Limca Book of Records” मै भी दर्ज है । इसके अलावा इंडियन गवरमेंट और बिहार गवरमेंट की तरफ से आनंद को कई अवार्ड भी मिल चुके है । “मौलाना अब्दुल कलाम आजाद अवार्ड”, “रामानुजन अवार्ड “ भी शामिल है ।
जानते है कुछ उनके स्टूडेंट्स की कहानिया जिनकी जिंदगी Super 30 के माध्यम से पूरी तरह बदल गयी । Stories Of Hope:
1. Santosh Kumar Super 30 student Story:
संतोष पटना से लगभग 40 km दूर एक छोटेसे गॉव मे रहता है । संतोष के घर मै इतनी गरीबी है की, उनको दो टाइम का खाने की दिक्कते है । इसके माता-पिता के पास 1 बीघा जमीन है उसिमै ये अपना घर मुश्किल से चलाते है, इसके बावजूद संतोष के घर मै पढाई का मौहाल था । इसे बजे से संतोष के मन मै आगे पढ़ने की इच्छा हुई और वो आगे पढ़ता गया । गाव के सरकारी स्कूल की हालत इतनी बुरी थी की उसके दरवाजे-खिड़की भी लोग चुराकर ले गये थे। कोइ भी टीचर वहा पढ़ने नहीं आता था पर इसके बावजूद संतोष ने वहासे अपनी दसवी तक की पढाई पूरी की ।
उसके बाद संतोष ने कही से सुना थी कुछ IIT के बारे मै और उसके मन मै IIT मै पढ़ने की इच्छा जागृत हुई और वो पटना शहर चला आया । वहा पे वो बहुत जगहों पे गया और उनसे पढ़ाने के लिए मदत मागी पर किसीने उसकी मदत नहीं की फिर उसको सुपर 30 के बारे मै पता चला और वो वहा पहुच गया । वहा पे उसको पढने को मौका मिला और उसके ठीक 2 साल बाद वो IIT मै सिलेक्ट हो गया और इतना नही आज संतोष की परिस्थिति बदल गयी है और आज संतोष यूरोप मै केमिस्ट्री का प्रोफेसर है ।
2. Anup Super 30 student Story:
अनुपम बिहार का रहने वाला है । वो जहा पे रहता है वो एरिया नक्सालिया से प्रभावित है । जब अनूप आनंद सर के पास आया तो उसने बताया की उनके घर मै इतनी गरीबी है की बचपन मै एक दिन उनके घर मै कुछ भी खाने को नहीं था और सब भूखे थो माँ को रहा नहीं गया और वो पिताजी को बोली की कमसे कम काहीसे थोडासा चावल तो लेके आइये जो मै बच्चो को कुछ खिला सकू । उनके पिताजी तबसे चावल लेने घरसे निकले तो आज तक वापस नहीं आये । इसी हालत मै वो पढ़ता गया और 10 th के बाद क्या करे ये प्रश्न उसके सामने आ गया फिर वो मदत मागने गया मुख्यमंत्री के पास जहा वो हर सोमवार को जनता दरबार लगाते थे ।
पर जब वो माँ-बेटा मुख्यमंत्री हाउस पहुचे तो बाहर ही लोगो ने उन्हें बताया की मुख्यमंत्री क्या आपको मदत करेगे उनके पास तो वैसे ही फण्ड नहीं है तो जाओ वो आनंद सर करके एक है वो गरीब बच्चो को पढ़ाते है वो आपकी मदत करेगे । जब वो आनंद सर के पास पहुचे तो आनंद सर ने देखा की दोनों के पैर मै चप्पल भी नहीं थी । फिर उनको पूछा की आप कब आये हो तो बोले कल शाम को आये है और रातभर प्लेटफार्म पर बिताकर फिर मुख्यमंत्री निवास होकरसे आप के पास आये है । फिर आनंद सर ने अनूप की टेस्ट ली और फिर उसे अपने पास रख लिया । अनूप ने उसके बाद दिन रात एक करके पढाई की और IIT मै सिलेक्ट हो गया ।
ऐसेही 200 से ज्यादा गरीब बच्चो की कहानिया है जिनकी जिंदगी आनंद सर ने सुपेर-३० के माध्यम से बदल दी है । ऐसे Real Life Hero को spotyourstory की तरफसे शतशः प्रणाम करते है ।
और कुछ प्रेरणादायी कहानी :
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Anand Kumar Photo :
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2 comments
Kunj Bihari
September 22, 2018 at 3:44 am
अत्यंत आनंदनीय कहानी प्रस्तुत की हैं आपने सुपर 30 आनंद सर की ।
HindiApni
December 13, 2018 at 6:06 pm
Aapne anand sir ke bare me kafi achhi jankari ko share kiya hain Thanks.