Rajat sharma biography in Hindi । रजत शर्मा की जीवनी
दोस्तो सच ही कहा गया की कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती अगर इरादे मजबूत हो तो पत्थर भी पानी बन सकता है । कठिन परिश्रम और कुदरत की मेहरबानी हो तो छोटेसे छोटे आदमी को भी समुंदर जैसा विशाल बनने को देर नहीं लगती । – रजत शर्मा ( Rajat sharma )
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आज की कहानी एक ऐसे ही प्रेरणादायक शख्सियत की है जिन्होंने इस देश के कई करोड़ों लोगों का दिल जीता है । लेकिन उनकी सफलता के पीछेवाले संघर्ष बहुत कम लोगों को ही पता है । भारतीय टेलीविजन के इतिहास में सबसे लंबे समय तक चलने वाले टेलीविजन शो की मेजबानी करने वाले इस शख्स ने शून्य से शुरुआत कर देश के नामी निजी प्राइवेट न्यूज चैनल की आधारशिला रखते हुए आज मीडिया जगत के सबसे नामचीन हस्तियों में एक है । राजस्थान के भीलवाड़ा में एक बेहद ही गरीब परिवार में जन्मे और पले-बढ़े रजत के परिवार में बीमार पिता बीमार मां एक बहन और 6 भाई थे ।
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घर का कमरा इतना छोटा था की इतने लोग सो नहीं पा आते थे । तो कमरे में लकड़ी के तकिया का इस्तेमाल करके लोग एक के ऊपर एक करके सोया करते थे । घर में नहाने के लिए बाथरुम भी नहीं था इसलिए सारे भाई पिता के साथ मिलकर एक नल पर नहाने जाया करते थे और वहां से दो बाल्टी पानी अपनी मां और बहन के लिए नहाने के लिए लाया करते थे । घर से बिजली का दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं था । तो रजत रेलवे स्टेशन की बत्तियो में पढ़ाई करने के लिए जाया करते थे । तमांग चुनौतियों का सामना करते हुए उन्होंने बचपन में परिस्थिति से लड़ना सीख लिया था । दो वक्त का खाना भी नसीब नहीं होने की स्थिति में यह लोग अमेरिका से आने वाले दूध पाउडर को घंटों लाइन में लगकर लेते है और उसी से कई दिन गुजारा करते थे ।
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मां और पिताजी को बीमारी से जूझते देख रहे हमेशा यही सोचते थे कि किसी तरह पढ़ाई पूरी करें सरकारी नौकरी मिल जाए तो दो वक्त का खाना मिल सके । एक दिलचस्प लेकिन काफी मार्मिक घटना ने रजत की जिंदगी बदल दी । 2007 के दशक में काफी लोग के घर TV हुआ करता था । रजत और उनके भाई पड़ोसी के घर TV देखने जाया करते । उन दिनों शनिवार और रविवार को आधी आधी फिल्म दिखाई जाती थी । रजत ने शनिवार को भगत सिंह पर आधारित एक फिल्म को देखा और जब अगले दिन उस फिल्म को देखने पड़ोसी के घर पहुंचे तो उन्होंने अंदर से दरवाजा बंद कर लिया । दुखी मन से रजत वापस अपने घर लौट आएं और अपने पिता को सारी घटनाएं बताएं । उसके बाद पिता ने रजत को जो कहा उसने उनकी जिंदगी का एकमात्र लक्ष निर्धारित कर दिया और उसी मकसद की बदौलत आज रजत देश के जाने-माने शख्सियत हैं।
उनके पिता के शब्द थे – तुम किसी दूसरे के घर किसी तीसरे को देखने जाते हो कुछ ऐसा करो कि तुम टीवी पर आओ और लोग तुम्हें देखने जाए । जिसको सुनकर रजत ने पिता की इन बातों से बहुत प्रभावित होकर अपने जीवन का उद्देश्य बना लिया और दिलों जान से पढ़ाई में लग गए ।
तमाम मुश्किलों का डटकर मुकाबला करते हुए रजत ने दिल्ली के प्रतिष्ठित श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स की पढ़ाई पूरी करने के बाद में छोटी-मोटी नौकरी करते हुए मीडिया जगत में कदम रखा । मीडिया के संस्थापक सुभाष चंद्रा के साथ मिलकर इन्होंने साल 1992 में “आप की अदालत” नाम से टीवी शो की शुरुआत की और उन्हें प्रसिद्धि मिली । उसके बाद रजत शर्मा ने कई सालों तक मेहनत करते हुए प्रसिद्धि के साथ-साथ पैसा बनाते हुए साल 2014 में इंडिया टीवी न्यूज़ चैनल की शुरुआत की । TV सीरियल खबर दिखाए महिला कल्याण पूर्व कल्याण जैसे मुद्दे हुआ करते थे लेकिन शुरूआत के 2 वर्ष में ही उनके पास पैसे की कमी होने लगी और फिर इसी कमी को पूरा करने के लिए अपनी सारी प्रॉपर्टी बेचकर लोगों की तनखा निकाली गई ।
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उतार-चढ़ाव से गुजरते हुए इंडिया टीवी आज देश के शीर्ष मीडिया चैनलों में से एक है । रजत शर्मा की रियल लाइफ सक्सेस स्टोरी से हमें काफी कुछ सीखने को मिलता है । देश के कई प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों में व्यख्यान के दौरान रजत शर्मा हमेशा करते हैं – व्यक्ति को बड़े सपने देखने चाहिए सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता । यदि अपने काम के प्रति ईमानदारी रहते हुए सच्ची लगन से मेहनत की जाए तो सफलता अवश्य मिलती है ।
रजत शर्मा की जिंदगी को गौर से पढ़े तो हमने देखने को मिलेगा कि कठिन मेहनत, दृढ़ इच्छाशक्ति और मजबूत इरादों के दम पर हम अपनी किस्मत खुद लिख सकते हैं ।
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